भारत में शादी की पहली रात को सुहागरात (Suhagrat) कहा जाता है। जब कोई लड़का और लड़की की नई शादी होती है तो वो सुहागरात जरूर मनाता हैं। सुहागरात सभी के जीवन का एक अहम हिस्सा माना जाता है। Suhagrat को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। सामान्य तौर पर सुहागरात का मतलब नव दंपति का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है। दरअसल शादी के बाद सुहागरात ही पति-पत्नी के नए जीवन की वह पहली रात होती है, जिसमें वह दोनों एक साथ होते हैं। शादी की पहली रात को लेकर पति व पत्नी दोनों के ही मन में उत्सुकता के साथ घबराहट भी बनी रहती है। इस विषय पर लोगों की उत्सुकता और घबराहट को देखते हुए आज आपको सुहागरात के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इसके साथ ही आपको यह भी बताया जाएगा की सुहागरात कैसे होता हैं (suhagrat kaise hota hai, suhagrat kaise manaye)
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suhagrat kaise hota hai |
Suhagrat kaise hota hai : जब किसी लड़का और लड़की की नई शादी होती हैं। तो उनके मन में सुहागरात (suhagrat ki raat) को लेकर कई तरह के सवाल मन में उठने लगते हैं। वो हमेशा यही सोचते हैं कि सुहागरात कैसे होता हैं? तो इस तरह के न जाने कितने सारे सवाल आपके मन में चल रहे होते है, तो चलिए आज जानते है की सुहागरात कैसे होता हैं।
सुहागरात कैसे होता हैं (Suhagraat Kaise Hota Hai)
सुहागरात के दिन कई परंपरायें होती हैं। दुल्हन की विदाई के बाद ससुराल आकर दुल्हन के स्वागत में चावल का घड़ा, आलता का थाल, कंगना खिलाई, थापा जैसी रस्में भी होती हैं।
दुल्हा–दुल्हन के कमरे को फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद रात के समय दुल्हन को बादाम और केसर वाला दूध देकर पति के कमरे में भेजा जाता है। यही से सुहागरात की शुरूआत हो जाती है। कमरे में आने के बाद सजी हुई दुल्हन अपने पति का इंतजार करती है।
दुल्हा कमरे में आकर दुल्हन का घूंघट उठाता है और मुंह दिखाई करता है। इसके बाद दोनों एक-दूसरे से कई कस्में और वादें करते हैं। अपने नए जीवन की शुरूआत करते हुए पति अपनी पत्नी को उपहार देते है। दोनों नए जीवन के लिए कई सपने बुनते हैं। दोनों आपस में एक दूसरे को देखते है और हाथ पकर कर मीठी-मीठी बाते करते है और फिर दो आत्माओं का मिलन होता हैं और दो जिस्म एक जान बन जाते हैं।
हमेशा ध्यान रखें कि सुहागरात आपके लिए एक अवसर है अपने भावों को साझा करने का और अपने साथी के साथ एक स्थायी सम्बन्ध बनाने का। सुहागरात दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण समय हैं। जो आप दोनों हमेशा याद रखेंगे। इस समय को रोमांटिक बनाने के लिए आप नए और यादगार गतिविधियों का आयोजन कर सकते हैं। यह आपके रिश्ते को मजबूत और दोस्ताना बनाए रखने में मदद करेगा।
सुहागरात की रात क्या न करें - Suhagrat ki raat kya na kare
सुहागरात आपकी जिंदगी की अहम रात होती है। इस रात ऐसी कोई गलती न करें जिससे आपको सारी जिंदगी शर्मिंदगी महसूस हो। इस दौरान निम्न गलतियों को करने से बचें।
नशे से दूर रहें
शादी की पहली रात खुद को जोशीला बनाने के लिए अधिकतर लोग शराब और धूम्रपान आदि नशा करते हैं। शादी के बाद आप दोनों ही इस नए रिश्ते की शुरुआत करते है ऐसे में नशा करना आपके रिश्ते पर खराब असर डाल सकता है। इसके साथ ही नशा करने से आपकी यह महत्वपूर्ण रात भी खराब हो सकती है। सुहागरात मनाने के तरीके में आपको नशे से दूर रहने की बात को हमेशा याद रखनी चाहिए।
अपने जीवनसाथी पर शक न करें
कई बार लोग सुहागरात को अपने जीवनसाथी को शक भरी निगाहों से देखते हैं. इससे उन हसीन लम्हों का मजा तो किरकिरा होता ही है रिश्ते की बुनियाद भी कमजोर पड़ जाती है. बेहतर यह होता है कि दोनों एक-दूसरे के अतीत की बातें न करे, जो जीवन सामने है, उसे सजाने-संवारने की कोशिश करे।
कोई एक्सपेरिमेंट ना करें
अक्सर पुरुष सुहागरात पर ही नए-नए एक्सीपेरिमेंट की योजना बनाते हैं। अगर आपके दिमाग में भी ऐसे कोई ख्याल हैं तो उसे तुरंत भूल जाएं। आप ध्यान रखें कि आप दोनों नई जिंदगी की शुरूआत करने जा रहे हैं ऐसे में साथी को पूरी तरह से बिना जानें, बिना समझे एक्सपेरिमेंट करना आपके नव-जीवन में खलल डाल सकता है।
शादी के खर्चों का हिसाब न लगाएं
शादी के बाद सुहागरात आपकी जीवन की महत्वपूर्ण रात है, इसको शादी में हुए खर्चों को जोड़ने में बर्बाद न करें। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि पुरुष व महिला को शादी के कामों के बाद इस रात ही फुर्सत के पल मिल पाते हैं और ऐसे में एकांत मिलते ही वह दोनों या कोई एक अपनी शादी के खर्चों को जोड़ना शुरू कर देता हैं। ऐसा करना बेहद ही गलत है।
सुहागरात में दूध क्यों पिया जाता है
शादी की हर रस्म के बाद इस रस्म के साथ पति-पत्नी वैवाहिक जीवन में कदम रखते हैं। सुहागरात मे दूल्हे को दूध पिलाने की परंपरा है। दूल्हा-दुल्हन के पलंगों को फूलों से सजाया जाता है। साथ ही कमरे में एक गिलास दूध रखा जाता है। यह दूध दूल्हे के लिए होता है। इस दूध को पीने के पीछे कई कारण हैं।
सुहागरात में जो दूध पिया जाता है वो खास बनाया जाता है. इस दूध में केसर, हल्दी, चीनी, काली मिर्च पाउडर, बादाम और सौंफ मिलाया जाता है।
दूध में सेरोटोनिन नाम का तत्व होता है, जो दिमाग को शांत करता है। शादी में इतनी सारी रस्मों और खासकर नए रिश्ते में प्रवेश करने के दबाव के कारण दूल्हा और दुल्हन दोनों बेचैन हो जाते हैं। दूध पीने से मन शांत होता है। दूध में प्रोटीन होता है जो मसल्स बनाने में मदद करता है और दूध को पीने से दोनों की थकान दूर हो जाती है।
दूध में मौजूद विटामिन डी दिमाग में सेरोटोनिन नाम का हार्मोन पैदा करता है। यह हार्मोन मूड में सुधार करता है।
निष्कर्ष
सुहागरात हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली सबसे अहम रात होती है। लेकिन आज के ज़माने में सुहागरात के मायने बदल गए है और आजकल पति और पत्नी का आपस में सहज होना अधिक जरूरी होता हैं।
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