Twin Tower Demolition: नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर का ध्वस्त कर दिया गया है।

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ट्विन टावर के जमींदोज होते ही कई मीटर तक धमाके की आवाज के साथ धूल का गुब्बारा फैल गया।          
 
Twin Tower Demolition: नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर 28 अगस्त 2022 को ध्वस्त:–भारत में सबसे ऊंची संरचना को ध्वस्त किया गया।टावर की ऊंचाई लगभग 100 मीटर है–कुतुब मीनार से भी ऊंची।
काफी प्रत्याशा और 9 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रविवार 28 अगस्त को नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर मलबे में दब गए हैं।टावर सेयेन (29 मंजिल) और एपेक्स (32 मंजिल) जो सुपरटेक लिमिटेड की एनरोल्ड कोटे परियोजना का हिस्सा है,निर्माण के संबंध में कई नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए थे और इसलिए उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
ट्विन टावर पलक झपकते ही मलबे में बदल गई और चारों और धूल और धुआं फैल गया,महज 9 से 12 सेकंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची ट्विन टावर की दोनों इमारतें ध्वस्त हो गई।ट्विन टावर को तोड़ने के लिए 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था।इस धबस्तीकरण के दौरान मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम उपस्थित रहे.वहीं,वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी टैंकर का भी इंतजाम किया गया।निर्धारित समय पर सायरन बजने के साथ ही नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर (Twin Tower Demolition) में धमाका हुआ और कुछ ही पल में गगनचुंबी इमारतें जमींदोज हो गई और दूर तक धमाके की आवाज के साथ धूल का गुबार फैल गया।
ट्विन टावर गिरने के बाद हवा में धुआं के गुब्बारे के साथ ही आसपास मलवा फैल गया,धूल के साथ पत्थर के टुकड़े जमीन पर फैल गया और आसपास के इलाके में प्रदूषण फैल गया।500 मीटर के दायरे के आसपास के क्षेत्र को बहिस्करण क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया,जहां बिहबंस के प्रभावी टीम के सदस्यों को छोड़कर किसी भी मानव या जानवर को जाने की अनुमति नहीं दी गई है।ट्विन टावर ध्वस्त होने मे करीब 55,000 से 80,000 टन तक मलवा निकलने का अनुमान है,इसे हटाने के लिए लगभग 70 से 100 दिन तक का समय लग सकता है।

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